जगन्नाथ मंदिर के चमत्कार और रहस्य से भरा है, भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर की ऐसी खासियत भी है। दोस्तों जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। और भगवान जगन्नाथ पुरी के भक्तों द्वारा भव्य रथयात्रा भी निकाली जाती है।
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य
यह मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के निकटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। इस सब का अर्थ जगन्नाथ यानी अर्थ जगत के स्वामी से होता है, इस नगरी को पुरी नगरी से जाना जाता है। इस मंदिर को चार धाम में से एक धाम माना गया है, हर साल रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है।
श्री जगन्नाथ पुरी पहले के टाइम में माधव के नाम से पूजे जाते थे जो भील सरदार विश्वासु के आराध्य देव थे। आज से करीबन हजारों वर्ष पहले वीर सरदार विश्वासु नील पत्थर की गुफा के अंदर नील माधव की पूजा करते थे।
ये हैं जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य आइए जानते हैं। जगन्नाथ मंदिर के रहस्य
जगन्नाथ मंदिर के 10 रहस्य
1. भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर वैष्णव संप्रदाय की प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्णा कन्हैया लाल को समर्पित है, और इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ पुरी अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मंदिर में विराजमान है।
2. दोस्त से मंदिर में आश्चर्यचकित कर देने वाली बात यह है कि भगवान जगन्नाथ पुरी के मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
3. भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपरी शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को आप जगन्नाथपुरी में किसी भी जगह से देख सकते हैं।
4. कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ पुरी के मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान या पक्षी नहीं उड़ पाता है।
5. भगवान श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर मैं भक्तों के द्वारा बनाई गई प्रसाद कभी कम नहीं पड़ती है मंदिर में हर साल सामान्य मात्रा में प्रसाद बनाई जाती है, मंदिर में भक्तों की संख्या 1000 हो या या फिर 1 लाख कहते हैं की प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता। और जब प्रसाद बांटने के बाद बचा हुआ प्रसाद मंदिर के कपाट का द्वार बंद कर देने पर बची हुई प्रसाद समाप्त हो जाती है इस मंदिर में 500 रसोइए अपने 300 सहयोगी रसोइयों के साथ यह प्रसाद बनाते हैं।
6. दोस्तों जगन्नाथ पुरी मंदिर की एक खासियत है की जगन्नाथ पुरी मंदिर के मुख्य गुंबद की छाया दिन के समय में नहीं दिखती है।
7. जगन्नाथ पुरी मंदिर में सिंह द्वार के अंदर पहला कदम रखते ही समुद्र की लहरें आपको सुनाई नहीं देगी जब आप मंदिर से बाहर निकलेंगे तो सिहद्वार के पहला कदम बार रखते आपको समुंदर की लहरें सुनाई देगी।
8. इस मंदिर की आश्रयजनक बात यह है की इसके रसोई घर में एक चूल्हे पर 7 वर्ष बर्तन रखे जाते हैं और सबसे ऊपर वाले बर्तन में भोजन सबसे पहले पकता है।
9. दोस्तों यह विशाल मंदिर 400000 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है और इस मंदिर के शिखर पर चक्र और ध्वज स्थित है इस मंदिर में दोनों का खास महत्व है। सुदर्शन चक्र अष्टधातु से निर्मित इस चक्र को निलचक्र भी कहा जाता है, मंदिर के अंदर भगवान श्री जगन्नाथ पूरी विराजमान होने पर प्रतीक है।
10. इस मंदिर से जुड़ी परंपरागत कथाएं के अनुसार भगवान श्री जगन्नाथ पुरी की मूर्ति इंद्रनील या नीलमणि से निर्मित मूल मूर्ति है, यह मूर्ति अगरू वृक्ष के नीचे मिली थी।
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य
देवताओं का वास
भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और सुभद्रा इस मंदिर के मुख्य देव है।
भगवान जगन्नाथ पुरी उत्सव मैं जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा तीनों मूर्तियां को अति भव्य और विशाल प्रथम मैं सुसज्जित होकर रथ यात्रा निकालते हैं यह यात्रा 5 किलोमीटर तक लंबी होती है इसमें लाखों लोग उपस्थित होते हैं रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया द्वितीय को महीने के अनुसार जून या जुलाई महीने में आयोजित होती है।
भगवान जगन्नाथ पुरी एक हिंदू मंदिर है। (जगन्नाथ मंदिर के रहस्य)
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