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Delhivery और Ecom Express की पूरी कहानी | अधिग्रहण सच या अफवाह?

डेल्हिवरी और ईकॉम एक्सप्रेस की पूरी कहानी – क्या डेल्हिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस को खरीदा?

परिचय

भारतीय ई-कॉमर्स की तेज़ी से बढ़ती दुनिया में लॉजिस्टिक्स कंपनियों का महत्व बहुत अधिक हो गया है। डेल्हिवरी (Delhivery) और ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express) दो ऐसी ही प्रमुख कंपनियाँ हैं जिन्होंने देश में ऑनलाइन शॉपिंग के पीछे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। लेकिन हाल ही में कई लोग जानना चाहते हैं – “क्या डेल्हिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस को खरीद लिया?” आइए जानते हैं पूरा सच और दोनों कंपनियों का पूरा इतिहास।

Delhivery और Ecom Express का इतिहास, अधिग्रहण की सच्चाई और लॉजिस्टिक्स तुलना

डेल्हिवरी (Delhivery) का इतिहास

  • स्थापना: 2011 में गुरुग्राम, हरियाणा में हुई।

  • शुरुआत: एक हाइपरलोकल डिलीवरी सर्विस के रूप में की, जो फूल और खाना डिलीवर करती थी।

  • ट्रांजिशन: जल्द ही ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेज़न, स्नैपडील के लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट देना शुरू किया।

प्रमुख माइलस्टोन्स:

  • 2019 में SoftBank से $413 मिलियन की फंडिंग।

  • 2021 में Fidelity से $277 मिलियन और वैल्यूएशन $3 बिलियन के पार।

  • 2021 में Spoton Logistics का अधिग्रहण।

  • 2022 में IPO लॉन्च और NSE/BSE में लिस्टिंग।

ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express) का इतिहास

  • स्थापना: 2012 में चार एक्स-Blue Dart प्रोफेशनल्स द्वारा।

  • मुख्यालय: गुरुग्राम, हरियाणा।

  • सेवाएं: फर्स्ट-माइल, मिड-माइल, लास्ट-माइल डिलीवरी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग।

फंडिंग और विकास:

  • 2015 में Warburg Pincus से ₹850 करोड़ का निवेश।

  • 2021 में ₹1,000 करोड़ से ज़्यादा की वैल्यूएशन।

  • 2024 में IPO के लिए DRHP दाखिल किया गया।

क्या डेल्हिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस को खरीदा?

नहीं, अभी तक डेल्हिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस को अधिग्रहित नहीं किया है।
हालांकि दोनों कंपनियाँ एक ही इंडस्ट्री में काम कर रही हैं, लेकिन वे स्वतंत्र हैं और अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर काम कर रही हैं।

दिलचस्प मोड़: विवाद

  • 2024 में, डेल्हिवरी ने ईकॉम एक्सप्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने IPO के DRHP में गलत डेटा प्रस्तुत किया है।

  • डेल्हिवरी का दावा था कि ईकॉम ने “ऑपरेशनल मेट्रिक्स” को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है।

निष्कर्ष

डेल्हिवरी और ईकॉम एक्सप्रेस – दोनों कंपनियाँ भारत के ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम की रीढ़ हैं।
इनके बीच कोई अधिग्रहण नहीं हुआ है, लेकिन प्रतिस्पर्धा और बाजार में स्थिति को देखते हुए भविष्य में कोई रणनीतिक साझेदारी या विलय संभव है।

डेल्हिवरी और ईकॉम एक्सप्रेस में अंतर

फ़ीचर डेल्हिवरी (Delhivery) ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express)
स्थापना वर्ष 2011 2012
मुख्य फोकस मल्टी-क्लाइंट लॉजिस्टिक्स बी2सी ई-कॉमर्स डिलीवरी
प्रमुख निवेशक सॉफ्टबैंक, कार्लाइल वारबर्ग पिनकस
IPO स्थिति मई 2022 में लिस्टेड IPO के लिए DRHP दाखिल
अधिग्रहण गतिविधि स्पॉटॉन का अधिग्रहण कोई प्रमुख अधिग्रहण नहीं

भारत में लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री का भविष्य

भारत की लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री 2025 तक ₹15 लाख करोड़ से अधिक की होने की उम्मीद है। डिजिटलाइजेशन, फास्ट टैग, जीएसटी, और वेयरहाउस ऑटोमेशन ने इस सेक्टर को और प्रोफेशनल बनाया है। डेल्हिवरी और ईकॉम एक्सप्रेस जैसे प्लेयर्स इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

🚀 आने वाले ट्रेंड्स:

  • AI आधारित रूट ऑप्टिमाइजेशन

  • ड्रोन डिलीवरी

  • डार्क वेयरहाउसिंग

  • लाइव ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स

यूज़र्स क्या कहते हैं?

कस्टमर रिव्यूज और एक्सपीरियंस भी किसी कंपनी की सफलता का बड़ा मापदंड होते हैं।

Delhivery रिव्यू:

  • ✅ तेज डिलीवरी सर्विस

  • ❌ कभी-कभी पैकेज मिसप्लेस हो जाता है

Ecom Express रिव्यू:

  • ✅ छोटे शहरों में अच्छी पहुंच

  • ❌ ट्रैकिंग अपडेट्स धीमे मिलते हैं

मीडिया और न्यूज़ में चर्चा

  • Economic Times, Business Today और Mint जैसे न्यूज़ पोर्टल्स लगातार इन दोनों कंपनियों पर रिपोर्ट करते हैं।

  • Delhivery का IPO लॉन्च और Ecom Express की IPO योजना 2024-25 के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स इवेंट्स में से एक रहे हैं।

सुझाव और निष्कर्ष

यदि आप ई-कॉमर्स स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो इन दोनों कंपनियों के लॉजिस्टिक्स मॉडल को समझना आपके लिए बहुत मददगार हो सकता है।
आपके बिजनेस के हिसाब से:

  • यदि मल्टी-चैनल डिलीवरी की ज़रूरत है – Delhivery बेहतर विकल्प है।

  • यदि B2C और छोटे शहरों में फोकस है – Ecom Express किफायती और कुशल विकल्प हो सकता है।

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