त्रिकोण बरमूडा ट्रायंगल अंटार्कटिका महासागर का अंतरिक्ष अजीबोगरीब रहस्य.
बरमूडा ट्रायंगल का नाम आपने अवश्य सुना होगा। बरमूडा ट्रायंगल त्रिकोण अंटार्कटिका महासागर के वह इलाका है जहां पर बहुत से विमान और जहाजे रहस्यमई तरीके से गायब हो जाती है। कई सदियों से इस राज को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। मसला जैसे का तैसा रह जाता है।
पर दोस्तों क्या आपको पता है, की अंतरिक्ष में भी एक ऐसा इलाका है। जिसको बरमुंडा कहा जाता है उस इलाके से गुजरने पर भी अंतरिक्ष यात्रियों को अजीबोगरीब तजुर्बे होते हैं। अगर उस इलाके से कोई अंतरिक्षयान गुजरती है तो उस वक्त सिस्टम और कंप्यूटर मैं खराबी आ जाती है। अंतरिक्ष यात्रियों को भयंकर चमक दिखाई देती है।
नासा के वैज्ञानिक एस्ट्रोनॉट रहे टेरी वर्टस के अनुसार वो बताते हैं की उन्हें अपने पहले स्पेस मिशन में इसका तजुर्बा हुआ था। वह अंतरिक्ष यान में सोने ही जा रहे थे की आंखों में सफेद भयंकर किरणों से आंखें चकाचौंध हो गई।
एस्ट्रोनॉट रहे टेरी वर्टस बताते हैं कि अंतरिक्ष यात्रियों बनने से पहले ही उन्होंने इसके बारे में पढ़ा था। पर एस्ट्रोनॉट रहे टेरी वर्टस यह नहीं जानते थे की स्पेस में भी ऐसा इलाका होता है। जिसको अंतरिक्ष बरमुंडा कहा जाता है। वैसे तो एस्ट्रोनॉट रहे टेरी वर्टस को अपने दोनों अंतरिक्ष मिशन में इस इलाके का तजुर्बा हुआ था। जोकि काफी हैरान कर देने वाला था।
अब दोस्तों आपको बरमुंडा ट्रायंगल को अंतरिक्ष से तफ़्सील बारीकी से बताते हैं। यह इलाका अंतरिक्ष मैं दक्षिण अंटार्टिका महासागर और ब्राजील के ठीक ऊपर से आसमान में है। अंतरिक्ष में इस इलाके से जब कोई अंतरिक्षयान या फिर स्पेस स्टेशन गुजरते हैं। तो Computer रेडिएशन के शिकार हो जाते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी आंखें सफेदी से चकाचौंध हो जाती है।
आज इसकी वैज्ञानिक वजह है। सूर्य की किरणें हमेशा भयंकर और जलाने वाली निकलती है तो इनमें इलेक्ट्रॉन होता है और विकिरण यानी रेडिएशन होता है। सूर्य की रोशनी के साथ विकिरणें हमारी धरती के करीब पहुंचाता है। तो धरती की ऊपरी स्थित एक परत जिसको हम Ven Ellen belt कहते हैं। वो विकिरण हमारी धरती तक आने से रोकती है।
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जब सूर्य से आने वाले यह खतरनाक रेडिएशन, धरती की Ven Ellen belt से टकराती है तो यह अंतरिक्ष में फैला देती है। जब हमारी रक्षा करने वाली यह Ven Ellen belt धरती के ऊपर एक बराबर नहीं होती है। इसकी वजह यह है की धरती ही गोल यह ध्रुव पर चपटी है वही बीच में थोड़ी ज्यादा मोटी है।
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इसी वजह से दक्षिणी ध्रुव के करीब इलाकों में ये Ven Ellen belt धरती के ज्यादा करीब आ जाती है। इसके कारण अंतरिक्ष में उसी हिस्से में सूरत से आने वाले रेडिएशन का ज्यादा असर दिखाई देता है।